वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 13 मई 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान सामने आया है। ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच संभावित परमाणु संघर्ष को टालने में निर्णायक भूमिका निभाई।
यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की पुष्टि की। इससे ठीक पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “अगर हमने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो भारत और पाकिस्तान के बीच एक भयानक परमाणु युद्ध हो सकता था। लाखों लोग मारे जा सकते थे।“
“भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध के मुहाने पर थे”
अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने स्थिति को भांपते हुए तत्काल राजनयिक प्रयास शुरू किए। “हमने दोनों देशों के नेताओं से लगातार संपर्क साधा। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो की कोशिशें सराहनीय रहीं,” ट्रंप ने कहा।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के नेता हालात की गंभीरता को समझने में पूरी तरह सक्षम और जिम्मेदार नजर आए। “उनकी सूझबूझ ने स्थिति को संभालने में मदद की,” उन्होंने जोड़ा।
‘ट्रेड को बनाया शांति का हथियार’
डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि अमेरिका ने केवल कूटनीति ही नहीं, व्यापार को भी एक रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया। “हमने पाकिस्तान और भारत से साफ कहा — अगर आप युद्ध रोकते हैं, तो व्यापार होगा। अगर नहीं, तो व्यापार बंद।“
ट्रंप ने गर्व से कहा, “लोगों ने कभी व्यापार को इस तरह उपयोग नहीं किया जैसा मैंने किया।” उनका दावा है कि दोनों देशों ने अमेरिका की इस नीति को गंभीरता से लिया और तनाव घटाने की दिशा में कदम उठाए।
मोदी के संबोधन से पहले आया ट्रंप का बयान — संकेत या संयोग?
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने साफ किया है कि उसने अपनी सैन्य कार्रवाई फिलहाल स्थगित की है, समाप्त नहीं। पीएम मोदी ने भी चेताया है कि भारत की सेना अभी भी अलर्ट मोड पर है और आगे की कार्रवाई पाकिस्तान के रवैये पर निर्भर करेगी।
यह भी पढ़ें :- PM मोदी का सख्त संदेश — सैन्य कार्रवाई रोकी है, खत्म नहीं की! ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को झकझोरा