Monday , 19 May 2025
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान के लिए जासूसी

जासूसी के आरोप में घिरी यूट्यूबर Jyoti Malhotra का इंस्टाग्राम अकाउंट सस्पेंड, पाकिस्तान से जुड़ाव की जांच तेज

हिसार,19 मई 2025 |हरियाणा के हिसार से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ट्रैवल ब्लॉगर और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसी सिलसिले में अब उनका इंस्टाग्राम अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया गया है, जिस पर 1.31 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थे।

 

सोशल मीडिया पर बड़ी फॉलोइंग

ज्योति मल्होत्रा का यूट्यूब चैनल Travel with Jo भी बेहद पॉपुलर है, जिसमें 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। पुलिस के अनुसार, वह कई बार पाकिस्तान और एक बार चीन की यात्रा कर चुकी है। बताया जा रहा है कि 2023 में कमीशन एजेंटों के माध्यम से उसने पाकिस्तान का वीजा प्राप्त किया था और वहां पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से मिली थी, जिसे हाल ही में भारत से निष्कासित किया गया है।

 

गिरफ्तारी और जांच का दायरा बढ़ा

हिसार पुलिस ने 17 मई को ज्योति को गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया, जहां से उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने प्रेस को बताया कि यह मामला आधुनिक दौर की जासूसी का उदाहरण है, जहां सीमाओं की जगह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जासूसी और प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है।

 

ISI से संपर्क के पुख्ता सबूत

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ज्योति ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क साधा। साथ ही, उसने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश करने और भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की।

 

डिजिटल सबूतों की गहन जांच

पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स की टीमें अब उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स, वीडियोज़ और वित्तीय लेनदेन की गहराई से जांच कर रही हैं। एसपी सावन के अनुसार, ज्योति को किसी भी सैन्य या संवेदनशील जानकारी तक सीधी पहुंच के सबूत फिलहाल नहीं मिले हैं, लेकिन हिसार की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए छोटी-छोटी जानकारियां भी गंभीर हो सकती हैं।

 

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट

केंद्रीय एजेंसियां इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही हैं और यह आशंका जताई जा रही है कि सोशल मीडिया पर प्रभाव रखने वाले अन्य लोग भी विदेशी एजेंटों के निशाने पर हो सकते हैं। ऐसे में यह मामला एक चेतावनी है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को कैसे खतरे में डाला जा सकता है।

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