नई दिल्ली, 12 मई – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर आतंकवादियों को एक जोरदार जवाब दिया। यह ऑपरेशन 7 मई को पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों पर प्रभावी हमला करते हुए भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक और रणनीतिक कदम उठाया।
यह ऑपरेशन, 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। जबकि इस हमले के बाद पूरे देश में प्रतिशोध की भावना थी, प्रधानमंत्री मोदी ने सूझबूझ और धैर्य के साथ प्रतिक्रिया दी, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि भारत की कार्रवाई न केवल प्रभावी हो, बल्कि कानूनी और नैतिक रूप से भी सही हो।
हालांकि प्रधानमंत्री मोदी उस वक्त सऊदी अरब की पूर्वनिर्धारित विदेश यात्रा पर थे, उन्होंने तुरंत कमान संभाली और आतंकवादियों के खिलाफ एक रणनीतिक और सटीक सैन्य कार्रवाई की योजना बनाई। इसके बाद, उन्होंने पाकिस्तान और आतंकवादी संगठनों को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत किसी भी प्रकार की आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया की विशेषता यह रही कि उन्होंने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए अपनी सैन्य कार्रवाई को सीमित रखा और नागरिक बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। विपक्षी नेता पी चिदंबरम ने भी प्रधानमंत्री की इस रणनीति की सराहना करते हुए इसे एक सटीक और जिम्मेदार सैन्य कार्रवाई बताया।
इस ऑपरेशन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से प्रस्तुत किया। भारत ने पाकिस्तान के नागरिक क्षेत्रों और सैन्य प्रतिष्ठानों को लक्षित किए बिना केवल आतंकवादियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया, जिसके कारण दुनिया भर से भारत को समर्थन मिला।