नई दिल्ली | 9 मई 2025 : भारतीय सेना और वायु सेना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि देश की सीमाएं सुरक्षित हाथों में हैं। 8 और 9 मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तान द्वारा की गई कई ड्रोन हमलों और संघर्ष विराम उल्लंघनों को भारतीय सेना ने पूरी ताकत से नाकाम कर दिया। इस ऑपरेशन में स्वदेशी विकसित ‘आकाश मिसाइल ’ ने एक निर्णायक भूमिका निभाई।
रक्षा अधिकारियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और पश्चिमी सीमा पर तैनात भारत की आकाश वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को रोकने में अहम योगदान दिया। सूत्रों की मानें तो 50 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोन मार गिराए गए, जो भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की फिराक में थे।
आकाश प्रणाली की ताकत क्या है?
‘आकाश’ एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो 25-30 किलोमीटर की रेंज तक हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। यह प्रणाली रियल-टाइम मल्टी-सेंसर डेटा प्रोसेसिंग, क्रॉस-कंट्री मोबिलिटी, और फेज्ड एरे रडार गाइडेंस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। यह एक साथ कई लक्ष्यों को पहचानकर उनका पीछा कर सकती है।
अधिकारियों का कहना है कि भारतीय सेना और वायु सेना दोनों ने पाकिस्तान सीमा पर आकाश मिसाइल प्रणाली को तैनात कर रखा है, और इसे ग्रुप व स्वायत्त मोड में भी ऑपरेट किया जा सकता है।
LOC और IB पर जबरदस्त जवाबी कार्रवाई
भारतीय सेना ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने 8-9 मई की रात को जम्मू-कश्मीर में LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन और हथियारों से हमला किया। भारतीय बलों ने इन हमलों को न सिर्फ विफल किया बल्कि मुंहतोड़ जवाब भी दिया। पाकिस्तान द्वारा लाहौर में स्थापित एक वायु रक्षा प्रणाली को भी निष्क्रिय कर दिया गया।
भारतीय सेना ने बयान में कहा, “हम राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी नापाक मंसूबे का करारा जवाब दिया जाएगा।”
डोमेस्टिक टेक्नोलॉजी की जीत
इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि भारत ने पूरी तरह स्वदेशी रक्षा प्रणाली का उपयोग करते हुए एक बड़े हमले को विफल किया। यह न सिर्फ रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को दर्शाता है, बल्कि देश की तकनीकी ताकत और रणनीतिक तैयारी का भी प्रमाण है।