चंडीगढ़, 9 मई 2025: वर्तमान सुरक्षा परिस्थितियों और आपात स्थिति की आशंका को देखते हुए हरियाणा सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को आपदा प्रबंधन हेतु 1.10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इस राशि के अंतर्गत प्रत्येक उपायुक्त को त्वरित राहत और आवश्यक प्रबंधन कार्यों के लिए 5 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त राजस्व एवं आपदा प्रबंधन डॉ. सुमिता मिश्रा ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि यह निर्णय आपदा से निपटने के लिए जिलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की दृष्टि से लिया गया है। उपायुक्तों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे इस राशि का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्यों के लिए करें और किसी भी स्थिति में सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना तय सीमा से अधिक खर्च न करें।
वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता पर विशेष जोर
डॉ. मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि जिलों को खजाना कार्यालय से केवल वास्तविक आवश्यकता के अनुसार ही धन आहरित करना होगा। प्रत्येक माह की 10 तारीख तक व्यय विवरण प्रपत्र संख्या 26 और 29 के माध्यम से लेखा शाखा को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही, सभी जिलों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली (NDMIS) पोर्टल पर मासिक व्यय विवरण अपलोड करना और प्राथमिकता के आधार पर उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को भेजना अनिवार्य किया गया है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सभी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
24 घंटे नियंत्रण कक्ष और मेडिकल सेवाएं रहेंगी सक्रिय
डॉ. मिश्रा ने सभी उपायुक्तों को निर्देशित किया है कि प्रत्येक जिले में 24 घंटे नियंत्रण कक्ष सक्रिय रखा जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति का त्वरित समाधान किया जा सके। साथ ही वायु चेतावनी प्रणाली, आपात सेवाएं और चिकित्सा सुविधाएं पूरी तरह से संचालित रखी जाएं।
जमाखोरी और घबराहट में खरीदारी पर सख्ती
आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी पर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की घबराहट में खरीदारी की स्थिति को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाए जाएं। जनता को भरोसा दिलाया गया है कि सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।