करनाल, 23 मई 2025 – करनाल की एक नर्सिंग सुपरवाइजर महिला ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए सड़क किनारे अंतिम सांसें गिन रहे एक युवक को न केवल नई जिंदगी दी, बल्कि पूरे शहर को यह दिखाया कि सही समय पर की गई एक छोटी सी कोशिश भी किसी की जान बचा सकती है।
हादसा और इंसानियत का मिलन
मंगलवार रात करीब 10 बजे की बात है जब अंकिता मान, जो एक निजी अस्पताल में नर्सिंग सुपरवाइजर हैं, अपने बेटे को आइसक्रीम दिलाने सेक्टर 6 स्थित बाजार जा रही थीं। तभी गुरुद्वारे के पास एक भीड़ दिखाई दी। पास जाकर देखा तो सड़क किनारे एक युवक बेहोश पड़ा था। लोगों ने उसे मृत समझकर छोड़ दिया था।
नब्ज जिंदा थी, उम्मीद बाकी थी
अंकिता, जो मेडिकल फील्ड से हैं, रुक गईं। उन्होंने युवक की नब्ज चेक की और पाया कि वह धीमी लेकिन चल रही है। बिना देर किए, उन्होंने CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देना शुरू किया।
सीपीआर ने लौटाई सांसें
सीपीआर देते ही युवक की सांसें वापस आने लगीं। युवक की हालत में सुधार होता देख अंकिता ने तुरंत एंबुलेंस बुलवाई और विर्क अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर सीपीआर समय पर न मिलता तो युवक की जान नहीं बचती।
“ऑफ ड्यूटी, लेकिन ऑन ड्यूटी मानवता के लिए”
अंकिता का यह कार्य न केवल उनकी प्रोफेशनल काबिलियत को दर्शाता है बल्कि उनके मानवीय मूल्यों को भी उजागर करता है। वे उस समय ड्यूटी पर नहीं थीं, लेकिन उन्होंने अपने फर्ज को प्राथमिकता दी। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसमें अंकिता युवक को CPR देती दिखाई दे रही हैं।
क्या है CPR और क्यों है जरूरी?
CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) एक आपातकालीन प्रक्रिया है जो दिल और सांसें बंद होने पर दी जाती है। यह मस्तिष्क और अन्य अंगों तक ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचाने में मदद करती है। सही समय पर और सही तरीके से दिया गया CPR किसी की जान बचा सकता है।
शहर की आवाज़: “अंकिता, तुम वाकई फरिश्ता हो”
पूरे करनाल शहर में अंकिता मान की सराहना हो रही है। लोग उन्हें “फरिश्ता” कहकर पुकार रहे हैं। प्रशासन और मेडिकल कम्युनिटी ने भी इस मानवीय प्रयास की प्रशंसा की है और कहा है कि ऐसे उदाहरण समाज को जागरूक करने और प्रेरणा देने का काम करते हैं।