Sunday , 15 June 2025
अहमदाबाद विमान हादसा: दोनों इंजन एक साथ फेल

अहमदाबाद विमान हादसा: एयर इंडिया बोइंग 787 क्रैश पर उठे गंभीर तकनीकी सवाल – विंग कमांडर एस.डी. विज (रिटायर्ड)

अम्बाला, 14 जून – अहमदाबाद में 242 लोगों को ले जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर गुरुवार, 12 जून की दोपहर अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह भारत में अब तक की सबसे खराब विमान हादसे में से एक है। लंदन जा रहे इस विमान में 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और दो पायलट थे। 242 लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति – सीट नंबर 11ए का यात्री – दुर्घटना में बचा है।

भारतीय वायुसेना से रिटायर्ड विंग कमांडर एस.डी. विज बताते हैं कि विमान के दोनों इंजन में एक साथ खराबी आ गई जो कि बहुत दुर्लभ है। उन्होंने कहा कि हवाई जहाज के दोनों इंजन खराब होने की घटनाएं हालांकि दुर्लभ हैं लेकिन इसके कुछ उदाहरण हैं। प्रसिद्ध उदाहरण है ‘मिरेकल ऑन द हडसन’, जहां यूएस एयरवेज की उड़ान 1549 के दोनों इंजन पक्षी के टकराने से बंद हो गए थे, लेकिन विमान को सफलतापूर्वक उतारा गया था। एक और घटना है एयर ट्रान्साट फ़्लाइट 236, जहां ईंधन लीक होने के कारण दोनों इंजन बंद हो गए थे, लेकिन विमान को भी सुरक्षित उतारा गया।

रिटायर्ड विंग कमांडर एसडी विज ने कहा कि किसी ब्लॉकेज के कारण इंजन खराब हो सकता है विशेष रूप से, कूलेंट सिस्टम में ब्लॉकेज होने से इंजन ज्यादा गरम हो सकता है, जिससे इंजन ब्लॉक में दरार आ सकती है। इसके अलावा, तेल और ईंधन के रास्ते में ब्लॉकेज भी इंजन के ठीक से काम न करने का कारण हो सकता है। टेक ऑफ करने के बाद भी प्लेन बहुत अधिक ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाया था। हो सकता है कि पायलट से कम ऊंचाई पर लिफ्ट हासिल करने में चूक हुई हो। प्लेन केवल 825 फीट ही ऊपर जा पाया था। प्लेन का लैंडिंग गियर अभी नीचे ही था। प्लेन के इंजन ने अपना थ्रस्ट खो दिया था जिससे प्लेन अचानक से नीचे आ गया।

उन्होंने बताया कि यह भी हो सकता है कि पायलट ने गलत टेक-ऑफ कॉन्फ़िगरेशन लिया हो। पायलट को इतनी चढ़ाई पर बने रहने के लिए संघर्ष करना पड़ा होगा। हादसे से पहले पायलट ने मेडे कॉल किया, लेकिन उसे संभलने का समय नहीं मिल पाया और प्लेन दुर्घटना का शिकार हो गया हो।

विंग कमांडर विज ने बताया कि फिलहाल ब्लैक बॉक्स मिल गया है हालांकि जहाज में मौजूद फ्यूल को आग लगने से वहां आग लगने से भूत ज्यादा तापमान हो गया था । परन्तु ब्लैक बॉक्स 1400 डिग्री तक तापमान सह सकता है। ब्लैक बॉक्स के अध्ययन से और इंक्वायरी से ही बहुत चीजें स्पष्ट हो सकती है ।

About webadmin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *