नूंह, हरियाणा | हरियाणा के नूंह जिले से एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गांव घासेड़ा के मौजूदा सरपंच इमरान की दबंगई साफ देखी जा सकती है। यह वीडियो बिजली विभाग के एक सब-स्टेशन में रिकॉर्ड किया गया है, जहां सरपंच अपने कुछ समर्थकों के साथ पहुंचता है और कर्मचारियों से गाली-गलौच करता है।
“मेरी जमीन दी है, लाइट भी मेरी चलेगी”
वीडियो में सरपंच इमरान यह कहते हुए नजर आते हैं—
“मैंने एक करोड़ रुपए की जमीन दी है, लाइट सिर्फ हमारे गांव की ही चलेगी!”
इसके बाद सरपंच ने विद्युत विभाग की चेतावनियों की अनदेखी करते हुए खुद ही 11 केवी घासेड़ा फीडर की सप्लाई चालू कर दी। कर्मचारी बार-बार यह समझाते रहे कि ट्रांसफार्मर की क्षमता सीमित है, और सभी गांवों को तयशुदा टाइम टेबल के अनुसार बिजली दी जा रही है। बावजूद इसके, सरपंच ने जबरन घासेड़ा गांव की लाइन चालू की और बाकी फीडर बंद करने का आदेश दिया।
हादसे से बाल-बाल बचे बिजली कर्मचारी
बिजली कर्मचारियों ने बताया कि गनीमत रही कि उस वक्त कोई लाइनमैन लाइन पर कार्य नहीं कर रहा था, वरना यह हरकत एक बड़े जानलेवा हादसे में तब्दील हो सकती थी। ऐसी स्थिति में जान-माल का गंभीर नुकसान हो सकता था।
बिजली विभाग ने दी थाना सदर नूंह में शिकायत
इस गंभीर मामले पर बिजली विभाग ने एसडीओ की ओर से थाना सदर नूंह में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है।
शिकायत में बताया गया कि दिनांक 8 व 9 जून को सरपंच इमरान, सराफत मेंबर सहित 6-7 लोगों ने जबरन 33 केवी पावर हाउस में घुसकर 11 केवी फीडर को चालू किया, कर्मचारियों से अभद्रता की, गाली-गलौच की और जान से मारने की धमकी तक दी।
विभाग ने मांग की है कि सरपंच इमरान और उनके सहयोगियों पर तत्काल सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति सिस्टम से खिलवाड़ न कर सके।
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर गुस्सा
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि क्या अब जनप्रतिनिधि कानून से ऊपर हो गए हैं? और क्या विभागीय कर्मचारियों की जान की कोई कीमत नहीं?
पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कब और कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है। क्या इस तरह की घटनाएं आम जनता के बीच भय और अविश्वास का माहौल नहीं बना रहीं?
पावर हाउस के एक कर्मचारी ने कहा—
“हमारे पास आदेश होता है तो लाइन चालू करते हैं। पर यहां एक जनप्रतिनिधि ने धमका कर खुद ही लाइन चालू कर दी। अगर उस वक्त कोई लाइन पर होता, तो उसकी जान जा सकती थी।”