उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक नई हेल्थ पॉलिसी लाने जा रही है। इसका उद्देश्य शहरी से लेकर ग्रामीण इलाकों तक वर्ल्ड क्लास मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है, जिससे आम नागरिकों को इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर भटकना न पड़े।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि स्वास्थ्य सेवाओं में निजी निवेश को बढ़ावा देकर सुपर-स्पेशियलिटी सुविधाएं हर जिले में उपलब्ध कराई जाएं। नीति अगले पांच वर्षों के लिए लागू की जाएगी।
नई नीति के तहत तीन मॉडल – A, B और C तैयार किए गए हैं:
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मॉडल A: 17 नगर निगम क्षेत्रों में 200 बेड वाले कम से कम तीन सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल।
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मॉडल B: 57 जिला मुख्यालयों में 200 बेड के मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल।
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मॉडल C: 75 जिलों के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में 100 बेड के सामान्य अस्पताल।
इसके तहत कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, सर्जरी और प्रसूति जैसी सेवाएं सुलभ होंगी। निवेशकों को स्टांप ड्यूटी में छूट, भूमि रियायत, बिजली प्राथमिकता और एनओसी में तेजी जैसे प्रावधान किए गए हैं।
यह नीति न केवल चिकित्सा सुविधाओं को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराएगी। सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि कैबिनेट मंजूरी के बाद पहले तीन माह में 20 जिलों में भूमि आवंटन शुरू किया जाए। यह नीति उत्तर प्रदेश को नशामुक्त और स्वस्थ राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।