नई दिल्ली/जबलपुर, 6 मई 2025 – ट्रेन में सफर के दौरान ऐसा शायद ही कभी देखने को मिला हो! केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव शनिवार देर शाम चलती गोंडवाना एक्सप्रेस से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए। जब मंत्री अपनी सीट पर नहीं मिले तो अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों में अफरा-तफरी मच गई। तीन घंटे चले सर्च ऑपरेशन के बाद वे 162 किमी दूर जबलपुर के पास सिहोरा स्टेशन पर दूसरी ट्रेन के कोच में घायल अवस्था में पाए गए।
दिल्ली से जबलपुर तक छाया रहा तनाव
घटना की शुरुआत 3 मई को हुई जब केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री और ओडिशा के सुंदरगढ़ से सांसद जुएल उरांव दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से गोंडवाना एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 22182) में सवार हुए। उन्हें जबलपुर स्टेशन पर उतरकर मंडला जाना था। उनके साथ निजी सहायक और सुरक्षा कर्मी भी थे।
लेकिन जब 4 मई की सुबह 3:45 बजे ट्रेन दमोह स्टेशन पर पहुंची, तो मंत्री अपनी सीट पर नहीं थे। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत हाई अलर्ट जारी किया और ट्रेन व आसपास के रेलवे ट्रैकों पर खोजबीन शुरू की गई।
तीन घंटे बाद मिली राहत की खबर
लगभग तीन घंटे की भारी मशक्कत के बाद रेलवे और सुरक्षाबलों को राहत की सांस मिली, जब जुएल उरांव को जबलपुर के पास सिहोरा स्टेशन पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के कोच B3 में बर्थ संख्या 57 पर जीवित और घायल अवस्था में पाया गया।
कैसे पहुंच गए दूसरी ट्रेन में?
सूत्रों के मुताबिक, मंत्री उरांव का ब्लड शुगर लेवल अचानक गिर गया था, जिससे उन्हें कमजोरी महसूस हुई। दमोह स्टेशन पर वे फ्रेश होने के लिए उतरे थे, लेकिन ट्रेन चल पड़ी। चढ़ने की कोशिश में उनका पैर फिसल गया, जिससे उन्हें हल्की चोटें आईं। उसी वक्त पास के प्लेटफॉर्म पर खड़ी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में वे चढ़ गए और वहीं बर्थ पर आराम करने लगे।
रेलवे और सरकार की बड़ी लापरवाही?
इस पूरी घटना ने रेलवे सुरक्षा और वीआईपी मूवमेंट प्रोटोकॉल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक केंद्रीय मंत्री का तीन घंटे तक बिना किसी जानकारी के लापता रहना, वह भी चलते ट्रेन से, एक गंभीर सुरक्षा चूक मानी जा रही है।
फिलहाल मंत्री सुरक्षित, लेकिन कई सवाल बाकी
रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मंत्री अब सुरक्षित हैं और जबलपुर में उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई है। हालांकि, अब तक जुएल उरांव की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।