चंडीगढ़,5 मई 2025: पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) द्वारा हरियाणा के हक में दिए गए फैसले को लेकर पंजाब विधानसभा में आज (सोमवार) एक विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। यह सत्र राज्य सरकार द्वारा पानी से संबंधित गंभीर मुद्दों पर एक प्रस्ताव लाने के लिए आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य पंजाब के हक को सुरक्षित करना और केंद्र व हरियाणा के फैसलों का विरोध करना है।
पंजाब और हरियाणा के बीच बढ़ता जल विवाद
पानी के इस विवाद ने पंजाब और हरियाणा के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, खासकर जब से बीबीएमबी ने हरियाणा के हक में निर्णय लिया है। इस फैसले को लेकर पंजाब सरकार ने कड़ा विरोध जताया है, और इस मुद्दे पर विधानसभा में अब चर्चा होने वाली है। पानी के मुद्दे को लेकर सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर सरकार के फैसले का समर्थन किया था।
कांग्रेस का समर्थन
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में कांग्रेस ने पहले ही इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन करने की बात कही है। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी सदन में सरकार द्वारा लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करेगी। इस बैठक में पार्टी के सभी विधायकों ने हिस्सा लिया, और सभी ने यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस का स्टैंड पहले ही सर्वदलीय बैठक में तय हो चुका है। इसलिए, सदन में किसी भी प्रस्ताव पर कांग्रेस की ओर से सकारात्मक रुख अपनाया जाएगा।
बीबीएमबी पर जोरदार बहस की उम्मीद
पंजाब विधानसभा में होने वाले इस विशेष सत्र में बीबीएमबी के रुख पर गंभीर चर्चा की संभावना है। बीबीएमबी के एक्ट के प्रावधानों और केंद्र द्वारा इसे दरकिनार कर हरियाणा के पक्ष में निर्णय लेने को लेकर विधायकों के बीच गर्मागर्म बहस हो सकती है। खासकर बीबीएमबी में पंजाब के अधिकारियों के तबादले और हरियाणा के अधिकारियों की नियुक्ति पर भी चर्चा हो सकती है। पंजाब सरकार इसे गलत तरीके से किया गया कदम मानती है, और इस मुद्दे पर सरकार द्वारा ठोस प्रस्ताव लाने की संभावना है।
प्रस्ताव की उम्मीद
केंद्र और हरियाणा सरकार के फैसलों के खिलाफ पंजाब सरकार एक प्रस्ताव पेश कर सकती है। इस प्रस्ताव में जल बंटवारे, बीबीएमबी के कार्यप्रणाली, और पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की बात की जा सकती है। विपक्ष ने पहले ही इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया है, लिहाजा इस प्रस्ताव को लेकर विधानसभा में सर्वसम्मति बनने की संभावना है।
इस विशेष सत्र का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि जल विवाद ने पंजाब और हरियाणा के बीच रिश्तों में तनाव पैदा कर दिया है, और इस सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दे आगे चलकर राज्य की राजनीति में अहम भूमिका निभा सकते हैं।