फिरोजपुर, 5 मई 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय सेना ने रविवार रात पंजाब के फिरोजपुर में एक विशेष कंप्लीट ब्लैकआउट अभ्यास किया। रात 9 बजे से 9:30 बजे तक चले इस अभ्यास के दौरान पूरे सैन्य छावनी क्षेत्र को पूरी तरह अंधकारमय कर दिया गया। इसे संभावित युद्ध परिदृश्य की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। इस कदम ने न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता को बढ़ाया है, बल्कि पाकिस्तान में भी हलचल मचा दी है।
ब्लैकआउट अभ्यास का उद्देश्य और प्रक्रिया
सैन्य अधिकारियों द्वारा फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर को लिखे गए पत्र में इस मॉक ड्रिल का मकसद स्पष्ट किया गया। पत्र में कहा गया कि यह अभ्यास युद्ध जैसी स्थिति में ब्लैकआउट प्रक्रियाओं की तैयारियों और उनकी प्रभावशीलता को परखने के लिए किया गया है। इसके तहत कैंटोनमेंट एरिया के निवासियों से अपील की गई कि वे सभी प्रकार की रोशनी—इन्वर्टर, जनरेटर या अन्य स्रोत—को बंद रखें। अधिकारियों ने अभ्यास से पहले लाउडस्पीकरों के माध्यम से आम जनता को सूचित किया और सहयोग की अपील की।
22 अप्रैल का आतंकी हमला और तनाव की पृष्ठभूमि
यह ड्रिल ऐसे समय में हुई है जब भारत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का कड़ा जवाब देने की तैयारी कर रहा है। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष नागरिकों की जान ले ली गई थी। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है और सीमावर्ती इलाकों में सेना की सक्रियता भी तेज हो गई है।
ब्लैकआउट क्यों है महत्वपूर्ण?
ब्लैकआउट युद्धकालीन रणनीति का एक अहम हिस्सा है। आधुनिक तकनीक से लैस मिसाइलें और ड्रोन टारगेटिंग के लिए अक्सर रोशनी और विज़ुअल क्लूज़ पर निर्भर करते हैं। ब्लैकआउट करके दुश्मन की इन तकनीकों को भ्रमित किया जा सकता है, जिससे आम नागरिकों की जान बचाई जा सके। भले ही भारत के पास अत्याधुनिक S-400 जैसी मिसाइल रक्षा प्रणाली हो, फिर भी ब्लैकआउट जैसे उपाय सुरक्षा की दूसरी परत के रूप में काम करते हैं।
जनता की मानसिक तैयारी भी है उद्देश्य
इस अभ्यास का एक अन्य उद्देश्य आम जनता को मानसिक रूप से किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना भी है। युद्ध के समय अक्सर SMS, मोबाइल ऐप, सायरन, टीवी और रेडियो के माध्यम से अलर्ट जारी किए जाते हैं, जिनमें सुरक्षित स्थानों और जरूरी निर्देशों की जानकारी दी जाती है। ऐसे में ब्लैकआउट जैसी मॉक ड्रिल्स जनता को डर और अफरा-तफरी से बचाने में मदद करती हैं।
पाकिस्तान में बेचैनी, भारत में सतर्कता
भारत की इस तैयारी ने पाकिस्तान की चिंता को बढ़ा दिया है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह ड्रिल न केवल सैन्य ताकत का प्रदर्शन है, बल्कि दुश्मन को चेतावनी भी है कि भारत हर स्थिति के लिए तैयार है।