नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार एक्शन मोड में आ गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की दूसरी अहम बैठक आज दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास पर शुरू हो चुकी है। यह बैठक आतंकी घटनाओं पर कड़ी निगरानी और निर्णायक प्रतिक्रिया के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है।
बैठक में शामिल दिग्गज नेता और शीर्ष सुरक्षा अधिकारी
इस उच्चस्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। साथ ही सीडीएस जनरल अनील चौहान, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह, और नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी जैसी सेनाओं के प्रमुख अधिकारी भी रणनीतिक स्तर पर विचार-विमर्श में भाग ले रहे हैं।
क्यों अहम है यह बैठक?
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। यह बैठक न केवल उस हमले के बाद की स्थिति की समीक्षा करेगी, बल्कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक और सामरिक कदमों को भी अंतिम रूप दे सकती है।
संभावित एजेंडा में ये मुद्दे प्रमुख:
सुरक्षा बलों को और अधिक संसाधनों की आपूर्ति
आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए खुफिया तंत्र को मजबूत बनाना
सख्त और निर्णायक सैन्य कार्रवाई पर विचार
घुसपैठ और सीमा सुरक्षा को लेकर तकनीकी निगरानी बढ़ाना
स्थानीय आतंकियों और विदेशी घुसपैठियों पर संयुक्त कार्रवाई की योजना
क्या होंगे फैसले?
बैठक के बाद सरकार की ओर से कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं:
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती
आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय नीति में संशोधन और सख्ती
आतंकी हमलों की रोकथाम के लिए तकनीकी निगरानी प्रणाली में इजाफा
ऑपरेशनल स्वतंत्रता बढ़ाकर बलों को मजबूत करना
आगे क्या?
प्रधानमंत्री मोदी का यह रुख साफ संकेत देता है कि सरकार अब आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर और भी आक्रामक ढंग से काम करने जा रही है। आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कार्रवाई तेज हो सकती है और राज्य की आतंरिक सुरक्षा संरचना को नया रूप दिया जा सकता है।
देश की नजरें अब इस बैठक के निर्णयों पर टिकी हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में नए आयाम तय कर सकते हैं।