नई दिल्ली, 14 अप्रैल: हजारों करोड़ रुपये के पीएनबी बैंक घोटाले के आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बीच, भारत सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की टिप्पणी से संकेत मिलते हैं कि चोकसी के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को लेकर सरकार आश्वस्त है, भले ही अभी कोई सीधी समयसीमा तय नहीं की गई है।
कानून मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को बीआर अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सफल कूटनीति की है। विदेश मंत्रालय की ओर से भी स्थिति स्पष्ट की गई है। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण जैसे मामलों में भी हमारी विदेश नीति की मजबूती दिखाई दी है। इससे हमें गर्व महसूस होता है।”
हालांकि मेघवाल ने मेहुल चोकसी को भारत लाए जाने की सटीक तारीख या प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।
अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के दौरान कानून मंत्री ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि संसद परिसर में स्थापित अंबेडकर की प्रतिमा को सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक प्रेरणास्रोत स्थल बनाया गया है।
कौन है मेहुल चोकसी?
65 वर्षीय मेहुल चोकसी वर्ष 2018 की शुरुआत में भारत से फरार हो गया था। उस पर 13,850 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई और ईडी द्वारा मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उसने और उसके भांजे नीरव मोदी ने 2014 से 2017 के बीच पीएनबी के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट के जरिए बैंक को भारी नुकसान पहुंचाया।
चोकसी फिलहाल एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता रखता है और भारत की जांच एजेंसियां पिछले कई वर्षों से उसके प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही हैं। अब बेल्जियम में हुई उसकी गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर उसके भारत लौटने की उम्मीद जागी है।