पुंछ, जम्मू-कश्मीर — कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को पुंछ जिले का दौरा किया और पाकिस्तान की सीमा पार से की गई गोलाबारी से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरे को लेकर सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है, जहां एक तरफ राहुल गांधी ने लोगों की पीड़ा को सामने लाने की कोशिश की, वहीं दूसरी ओर उन्होंने केंद्र सरकार पर इस मुद्दे को लेकर गंभीर सवाल भी उठाए।
राहुल गांधी ने पुंछ के उन नागरिक इलाकों का निरीक्षण किया जो हाल ही में हुई पाकिस्तानी गोलाबारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने तबाही के मंजर को नज़दीक से देखा और पीड़ित परिवारों से सीधे बातचीत कर संवेदना प्रकट की।
“सरकार को उठाने चाहिए ठोस कदम”
राहुल गांधी ने इस दौरान कहा, “देश के नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। पाकिस्तान की ओर से बार-बार हो रही इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। प्रभावित परिवारों को सरकार की ओर से तात्कालिक और दीर्घकालिक सहायता मिलनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को संसद और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएंगे, ताकि पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर वैश्विक दबाव बनाया जा सके।
गोलाबारी से तबाही का मंजर
बीते कुछ समय में पुंछ के सीमावर्ती गांवों में लगातार गोलाबारी के चलते कई घर जमींदोज हो चुके हैं, स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं और कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है। स्थानीय नागरिकों में दहशत का माहौल है और उनका कहना है कि वे अपने ही देश में सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं।
कश्मीर में शांति की मांग
राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं, उन्हें हिंसा नहीं चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह न केवल सीमाई इलाकों की सुरक्षा मजबूत करे, बल्कि वहां रहने वाले नागरिकों को हर संभव सहायता और मनोबल भी दे।
विपक्ष की सक्रियता बढ़ी
राहुल गांधी का यह दौरा उस समय हुआ है जब कश्मीर और सीमाई इलाकों को लेकर सरकार की नीतियों पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। इस दौरे को विपक्ष की कश्मीर मुद्दे पर बढ़ती सक्रियता के रूप में देखा जा रहा है।