जानिए क्यों इन्हे कहा जाता है ‘बाधिरों का पिता’ ?
चंडीगढ़ 24 नवंबर: चार्ल्स मिशेल डे लेपे ने बाधिरों (Deaf, जो सुन नहीं सकते) के लिए दुनिया का पहला स्कूल खोला था। उन्होंने 1769 में फ्रांस में बाधिरों के लिए इस पहले स्कूल की स्थापना की, जहां बाधिर बच्चे अपनी साइन लैंग्वेज को पढ़ और समझ सकते थे। इसी वजह से चार्ल्स मिशेल डे लेपे को “Father of the Deaf” …
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