पंचकूला | 12 जून 2025 — हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) से जुड़े 72 करोड़ रुपये के घोटाले में बड़ा मोड़ आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में हरियाणा के पूर्व विधायक रामनिवास सूरजाखेड़ा और HSVP के तत्कालीन ड्रॉइंग एंड डिस्बर्सिंग ऑफिसर (DDO) सुनील कुमार बंसल को गिरफ्तार किया है। दोनों को मंगलवार को पंचकूला स्थित विशेष ED कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया।
क्या है मामला?
यह मामला 7 मार्च 2023 को HSVP के मुख्य लेखा अधिकारी चमन लाल द्वारा पंचकूला के सेक्टर 7 थाने में दर्ज कराई गई शिकायत पर आधारित है। शिकायत में कहा गया था कि पंजाब नेशनल बैंक की चंडीगढ़ शाखा में HSVP के बैंक खातों से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये निकाले गए, जिससे शहरी विकास प्राधिकरण को गंभीर वित्तीय नुकसान पहुंचा।
शिकायत के अनुसार, 2015 से 2019 के बीच लगभग 72 करोड़ रुपये की राशि फर्जी कंपनियों और संदिग्ध खातों में ट्रांसफर की गई। इसमें वैट रिफंड के नाम पर गड़बड़ी, और बिल्डरों और अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।
कोर्ट में क्या हुआ?
ED की ओर से कोर्ट में 14 दिन की रिमांड की मांग की गई थी, लेकिन बचाव पक्ष की ओर से वकील अभिषेक राणा ने इसका विरोध किया। वकील ने कहा कि:
“गिरफ्तारी अवैध है और रिमांड की अवधि अत्यधिक है। ED को जो भी पूछताछ करनी है, वह कम समय में भी संभव है।”
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 5 दिन की ED हिरासत मंजूर की। अब मामले की अगली सुनवाई 15 जून को होगी।
पूर्व विधायक की भूमिका पर सवाल
रामनिवास सूरजाखेड़ा इस घोटाले के दौरान HSVP में सुपरिंटेंडेंट के पद पर कार्यरत थे। बाद में उन्होंने VRS लेकर राजनीति में कदम रखा और विधायक बने। अब उन पर आरोप है कि उन्होंने HSVP में रहते हुए वित्तीय साजिश में भूमिका निभाई।
सूत्रों के अनुसार, सूरजाखेड़ा और बंसल ने मिलकर सरकारी फंड का ग़लत इस्तेमाल करते हुए निजी लाभ कमाया, और कई लेन-देन ऐसे लोगों और कंपनियों को किए जो अस्तित्व में ही नहीं थीं।