चंडीगढ़, 11 जून — हरियाणा सरकार ने आगामी मानसून सीजन से पहले बाढ़ प्रबंधन को लेकर कमर कस ली है। राज्य की राजस्व एवं आपदा प्रबंधन की वित्तीय आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित हॉटस्पॉट की पहचान, पंपिंग सिस्टम की सक्रिय निगरानी और मॉक ड्रिल के माध्यम से तैयारियों को परखने के निर्देश दिए।
डॉ. मिश्रा ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशों के अनुसार किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में बताया गया कि राज्य ने अब तक अपने 4,097 किलोमीटर ड्रेनेज नेटवर्क में से 78% की सफाई पूरी कर ली है, जो 27 मई को मात्र 19% थी। डॉ. मिश्रा ने 100% निकासी कार्य 20 जून तक पूरा करने की समय सीमा तय की है।
बैठक में यह भी बताया गया कि सिंचाई विभाग ने 2,401 पंपों की सूची तैयार की है, जो किसी भी आपात स्थिति में तुरंत तैनात किए जा सकते हैं। विभाग 553 किलोमीटर HDPE पाइपलाइन के जरिए जल निकासी सुनिश्चित कर रहा है।
राज्य भर में 209 अल्पकालिक बाढ़ सुरक्षा परियोजनाएं चल रही हैं, जिन पर ₹282.95 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। इन परियोजनाओं को 30 जून, 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
डॉ. मिश्रा ने कहा, “हमारी प्राथमिकता लोगों और कृषि भूमि को मानसून के खतरों से सुरक्षित रखना है।”