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हरियाणा कांग्रेस में राहुल गांधी की दो-टूक: गुटबाजी नहीं चलेगी, 30 जून से पहले होंगे नए जिला अध्यक्ष

चंडीगढ़, 4 जून 2025 — हरियाणा कांग्रेस में वर्षों से चल रही गुटबाजी और सांगठनिक शिथिलता पर अब कड़ा एक्शन तय है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चंडीगढ़ में हुई संगठन सृजन बैठक में प्रदेश नेतृत्व को स्पष्ट शब्दों में संदेश दिया:

“कांग्रेस के लिए काम करने वालों को जिम्मेदारी मिलेगी, किसी नेता की सिफारिश अब नहीं चलेगी।”

हरियाणा में विधानसभा चुनावों में मिली नजदीकी हार के आठ महीने बाद राहुल गांधी ने पहली बार प्रदेश कांग्रेस कार्यालय का दौरा किया। उनका यह दौरा पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को फिर से खड़ा करने और गुटबाजी पर नियंत्रण के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।

बैठक के प्रमुख बिंदु:

1. 30 जून से पहले बनेंगे सभी जिलाध्यक्ष

प्रदेश प्रभारी बीके हरि प्रसाद ने प्रेसवार्ता में बताया कि कांग्रेस अब नई प्रक्रिया के तहत जिला अध्यक्षों की नियुक्ति करेगी। हर जिले में 6 नामों का पैनल बनेगा, और 35 से 55 साल की उम्र के योग्य लोगों को जिम्मेदारी दी जाएगी। अब चयन CLP नेता या पीसीसी प्रमुख के बजाय पार्टी हाईकमान की निगरानी में होगा।

2. SC/ST और महिलाओं पर विशेष ध्यान

हरि प्रसाद ने कहा कि अब संगठन में SC-ST वर्ग की महिलाओं, समाजसेवियों और खिलाड़ियों को भी आगे लाया जाएगा, जो RSS या BJP की विचारधारा को नहीं मानते। यह कांग्रेस के सामाजिक आधार को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।

3. गुटबाजी पर राहुल गांधी का अल्टीमेटम

बैठक में राहुल गांधी ने नेताओं को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि संगठन में अब गुटबाजी की कोई जगह नहीं है। अगर कोई नेता अपने गुट के फायदे के लिए पार्टी को नुकसान पहुंचाता है, तो सीधा एक्शन लिया जाएगा। संगठन की मजबूती में कोई समझौता नहीं होगा।

4. 11 साल की सांगठनिक शून्यता पर मंथन

हरियाणा कांग्रेस 2014 से ही बिना पूर्णकालिक संगठन के चल रही है। वरिष्ठ नेताओं की खींचतान ने प्रदेश में पार्टी की जड़ें कमजोर कर दीं। राहुल गांधी ने कहा कि अब समय आ गया है कि कांग्रेस को मंच से लेकर मैदान तक संगठित किया जाए। उन्होंने पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से जोड़ने पर भी जोर दिया।

बैठक में कौन-कौन शामिल रहा?

राहुल गांधी ने सुबह 11:30 बजे चंडीगढ़ पहुंचकर सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला समेत 17 वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इसके बाद 22 जिला ऑब्जर्वरों से अलग से बातचीत कर ज़मीनी हालात का फीडबैक लिया। दोपहर ढाई बजे के करीब वह सैलजा और सुरजेवाला के साथ एयरपोर्ट रवाना हो गए।

राजनीतिक पृष्ठभूमि: हार से सबक, सुधार की शुरुआत

2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 11% ज्यादा वोट मिलने के बावजूद पार्टी सिर्फ 37 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीत लीं। जानकार मानते हैं कि गुटबाजी, सांगठनिक ढिलाई और समन्वय की कमी कांग्रेस की हार के असली कारण थे।

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