नई दिल्ली, 2 जून 2025 – यूक्रेन ने रूस के खिलाफ एक बार फिर से ज़बरदस्त हमला किया है, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। रविवार को यूक्रेन की तरफ से किए गए ‘ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब’ ने रूस के प्रमुख एयरबेसों को निशाना बनाया, जो रूसी सीमा से 4000 किलोमीटर दूर स्थित थे। इस सटीक हमले ने रूस को भारी आर्थिक और सैन्य क्षति पहुंचाई है।
यूक्रेन ने इस ऑपरेशन में छोटे लेकिन अत्यंत प्रभावी फर्स्ट पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन का इस्तेमाल किया। ये ड्रोन मूलतः रेसिंग के लिए बनाए गए थे, लेकिन अब इन्हें युद्ध में हथियारों के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इन ड्रोन में लगे विस्फोटक दुश्मन के ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अटलांटिक काउंसिल के अनुसार, एक FPV ड्रोन की कीमत लगभग 1200 डॉलर (लगभग 1 लाख रुपये) है, लेकिन ये छोटे ड्रोन भारी बख्तरबंद वाहनों और सैन्य ढांचे को नष्ट करने में सक्षम हैं। इस ऑपरेशन में इस्तेमाल किए गए 116 ड्रोन की कुल लागत करीब 1.18 करोड़ रुपये थी, लेकिन इससे रूस को 5 खरब रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
इस हमले ने रूस के लिए नई सुरक्षा चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। मॉस्को अब इस घातक ड्रोन हमले के जवाब में अपनी सैन्य रणनीति और सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने पर मजबूर होगा। सवाल यह है कि क्या रूस इस तकनीकी खतरे से निपट पाएगा, या यूक्रेन का यह ड्रोन हथियार युद्ध के भविष्य को बदल देगा।