हेमकुंड साहिब यात्रा शुरू: अगर आप इस गर्मी में आध्यात्मिक और रोमांच से भरपूर यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब आपकी लिस्ट में जरूर होना चाहिए। समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह पवित्र तीर्थस्थल 25 मई से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। बर्फीली चोटियों और ग्लेशियल झील के किनारे स्थित यह गुरुद्वारा सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी को समर्पित है और दुनिया के सबसे ऊंचे गुरुद्वारों में गिना जाता है।
यात्रा पर जाने से पहले जान लें ये जरूरी बातें
✔️ रजिस्ट्रेशन अनिवार्य:
हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी है। आप उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
✔️ यात्रा अवधि:
यह पवित्र स्थल हर साल अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में खुलता है और अक्टूबर तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।
✔️ मौजूदा मौसम:
यहां का तापमान दिन में लगभग 7°C और रात में 2°C तक पहुंच जाता है। लिहाजा, गर्म कपड़े और जरूरी सामान साथ ले जाना बेहद जरूरी है।
हेमकुंड साहिब कैसे पहुंचें?
सड़क मार्ग:
हेमकुंड साहिब का बेस पॉइंट गोविंदघाट है, जो जोशीमठ से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है।
हवाई मार्ग:
सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जॉली ग्रांट (देहरादून) है, जो गोविंदघाट से लगभग 276 किमी दूर है।
रेल मार्ग:
रेल से यात्रा करने वालों के लिए हरिद्वार सबसे उपयुक्त स्टेशन है, जहां से सड़क मार्ग द्वारा गोविंदघाट पहुंचा जा सकता है।
ट्रैकिंग मार्ग:
गोविंदघाट से पुलना गांव तक वाहन से पहुंचने के बाद, लगभग 15 किमी की ट्रैकिंग करनी पड़ती है। रास्ते में घांघरिया प्रमुख विश्राम स्थल है।
घूमने की प्रमुख जगहें
1. 🌸 फूलों की घाटी (Valley of Flowers):
यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल, यह घाटी रंग-बिरंगे दुर्लभ फूलों और हरे-भरे नजारों के लिए जानी जाती है। जुलाई-अगस्त में इसकी सुंदरता चरम पर होती है।
2. 🛕 लक्ष्मण मंदिर:
हेमकुंड झील के पास स्थित यह प्राचीन मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि लक्ष्मण जी ने यहां तपस्या की थी।
यात्रा के लिए ज़रूरी टिप्स
✅ ट्रैकिंग के लिए मजबूत जूते और पर्याप्त गर्म कपड़े रखें।
✅ मेडिकल किट, ऑक्सीजन सपोर्ट डिवाइस और पानी की बोतल साथ लें।
✅ मौसम की अपडेट जरूर लें और बारिश या बर्फबारी के पूर्वानुमान से सावधान रहें।