चंडीगढ़/रोहतक, 26 मई – हरियाणा के सबसे प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में शामिल पीजीआईएमएस, रोहतक से एक राहतभरी खबर सामने आई है। संस्थान के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार सिंघल ने स्पष्ट किया है कि अस्पताल में स्थापित जीन सीक्वेंसिंग मशीन पूरी तरह से कार्यशील है और बहुत जल्द संचालन में लाई जाएगी।
क्या है मामला?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सवाल उठाए जा रहे थे कि मशीन लंबे समय से बंद पड़ी है। इस पर सफाई देते हुए डॉ. सिंघल ने बताया कि यह मशीन जनवरी 2023 में अमेरिका से दान में मिली थी और जुलाई 2023 तक उपलब्ध अभिकर्मकों (रीएजेन्ट्स) की मदद से सफलतापूर्वक प्रयोग में लाई गई। हालांकि, रीएजेन्ट की नई आपूर्ति समय पर नहीं हो पाने के कारण इसका संचालन अस्थायी रूप से रुका रहा।
अब क्या होगा?
निदेशक ने कहा,
“मशीन तकनीकी रूप से पूरी तरह फिट है। अब रीएजेन्ट की खरीद प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है ताकि मशीन को शीघ्र दोबारा चालू किया जा सके।”
जीन सीक्वेंसिंग क्यों है ज़रूरी?
यह मशीन कोविड-19 सहित अन्य वायरल बीमारियों के वेरिएंट की पहचान करने और उनके जीन स्तर पर विश्लेषण में बेहद उपयोगी है। इससे न केवल इलाज की दिशा तय होती है बल्कि भविष्य की महामारी रोकथाम योजनाओं में भी मदद मिलती है।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता
पीजीआईएमएस में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग पहले से ही उच्च स्तर पर चल रही है। हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।