भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए सीजफायर समझौते को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिसरी को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान के साथ सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर हुए इस समझौते को लेकर मिसरी के खिलाफ कई अभद्र टिप्पणियां की गईं, जिसके बाद उन्हें अपना एक्स (Twitter) अकाउंट प्राइवेट करना पड़ा।
इस ट्रोलिंग के खिलाफ कई वरिष्ठ राजनयिक और राजनेता सामने आए हैं। पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन राव ने इसे ‘बेहद शर्मनाक’ करार दिया। उन्होंने कहा, “यह शालीनता की हर सीमा को पार करता है। एक समर्पित राजनयिक को इस तरह निशाना बनाना अनैतिक है। हमें हमारे राजनयिकों के पीछे एकजुट होना चाहिए।” राव ने आगे लिखा, “इस जहरीली नफरत को रोकना होगा, हमें अपने राजनयिकों को तोड़ना नहीं, बल्कि उनका समर्थन करना चाहिए।”
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विक्रम मिसरी का समर्थन किया। यादव ने कहा कि इस तरह के बयान देश के लिए समर्पित अधिकारियों का मनोबल तोड़ते हैं, जबकि ओवैसी ने कहा कि मिसरी एक सभ्य और मेहनती राजनयिक हैं, जो अपने देश के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने तो इस पर कार्रवाई की आवश्यकता की बात भी की, यह कहते हुए कि ऐसे अवांछित पोस्ट करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।