नई दिल्ली, 10 मई 2025 : भारत ने आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित नौ आतंकी शिविरों को सटीक हमलों में तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के शीर्ष आतंकवादियों का सफाया किया गया, जिनमें आईसी-814 अपहरण मामले में वांछित आतंकवादी मौलाना यूसुफ अजहर भी शामिल है।
आतंकवादियों का अड्डा बना पाकिस्तान, दुनिया के सामने उजागर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत के हमले का मुख्य निशाना वे आतंकी शिविर थे जहां से आतंकी प्रशिक्षण, कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार और जम्मू-कश्मीर में हमलों का समन्वय किया जाता था। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तानी सेना, पुलिस और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की इन आतंकियों के अंतिम संस्कार में उपस्थिति ने पाकिस्तान के “आतंकवाद से दूरी” के दावे की पोल खोल दी है।
मारे गए आतंकियों में कौन-कौन शामिल?
-
मौलाना यूसुफ अजहर: जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर, आईसी-814 अपहरण का मास्टरमाइंड और मसूद अजहर का साला।
-
हाफिज मुहम्मद जमील: मसूद अजहर का बहनोई, बहावलपुर स्थित ‘मरकज सुभान अल्लाह’ का प्रभारी और कट्टरपंथी प्रचारक।
-
मोहम्मद हसन खान: जैश का POK ऑपरेशनल कमांडर, LoC पार आतंकी हमलों का समन्वयक।
-
मुदस्सर खादियन खास (LeT): मरकज तैयबा का प्रभारी, जिसे पाक सेना द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ विदाई दी गई।
-
खालिद उर्फ अबू अकाशा: कश्मीर और अफगानिस्तान में आतंकी हमलों से जुड़ा लश्कर आतंकी।
पाक सरकार और सेना की भूमिका सवालों के घेरे में
खास के अंतिम संस्कार में पाक सेना प्रमुख और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करना, और IG पुलिस, लेफ्टिनेंट जनरल तथा फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर की मौजूदगी यह दर्शाती है कि पाकिस्तान में आतंकवाद को राज्य का संरक्षण प्राप्त है।
रणनीतिक सफलता: आतंकी ढांचे को झटका
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत POK में 5 और पाकिस्तान में 4 आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया। इससे इन आतंकी संगठनों के लॉजिस्टिक्स, रिक्रूटमेंट और ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा असर पड़ा है।