पंचकूला, 2 मई : हरियाणा और पंजाब के बीच जल विवाद के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज भावनात्मक लेकिन सख्त लहजे में पंजाब के नेताओं को “राजनीति की मर्यादा” याद दिलाई। पंचकूला में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि “पानी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर घटिया राजनीति करना गुरुओं की धरती का अपमान है।”
“हरियाणा अपनी जमीन का पानी देगा, लेकिन किसी को प्यासा नहीं रहने देगा”
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “मैं हरियाणा का मुखिया होने के नाते गारंटी देता हूं कि अगर पंजाब के लोगों को पीने के पानी की जरूरत पड़ी, तो हम ट्यूबवेल लगाकर अपनी जमीन से पानी निकालेंगे और उन्हें देंगे। पंजाब का कोई भी व्यक्ति प्यासा नहीं रहेगा – यह मेरी गारंटी है।”
“हरियाणा अपने हक का पानी मांग रहा है, न उससे ज्यादा न कम”
सीएम सैनी ने स्पष्ट किया कि हरियाणा केवल उतना ही पानी मांग रहा है जितना पहले से उसे मिलता रहा है और जो एग्रीमेंट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से तय हुआ है।
उन्होंने कहा कि अगर यह मुद्दा राजनीतिक रंग लेता रहा, तो “पानी वेस्ट होकर पाकिस्तान चला जाएगा – जो हमारे निर्दोष नागरिकों का खून बहा रहा है।”
“हरियाणा भी कभी पंजाब का हिस्सा था, नफरत नहीं अपनापन चाहिए”
मुख्यमंत्री ने कहा हरियाणा भी पंजाब से ही अस्तित्व में आया है। हम अलग नहीं, एक ही विरासत के हिस्सेदार हैं। हमें लड़ने की नहीं, साझा समाधान की जरूरत है।”
सियासत नहीं, सेवा चाहिए – CM सैनी का बड़ा संदेश
CM सैनी के इस बयान को सिर्फ राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि जल विवाद के बीच मानवता और सहभावना का संदेश माना जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब के नेता जनता की भलाई के लिए काम करें, राजनीति की मर्यादा बनाए रखें और गुरुओं की धरती को सियासत से कलंकित न करें।