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पूर्व CM विजय रूपाणी का निधन: लुधियाना उपचुनाव में प्रचार कर लौटे थे, एअर इंडिया की फ्लाइट हादसे में गई जान

पूर्व CM विजय रूपाणी का निधन: लुधियाना उपचुनाव में प्रचार कर लौटे थे, एअर इंडिया की फ्लाइट हादसे में गई जान

अहमदाबाद | 12 जून 2025 — देश की राजनीति को आज बड़ा झटका लगा जब गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब-चंडीगढ़ भाजपा प्रभारी विजय रूपाणी का निधन हो गया। बताया जा रहा है कि एअर इंडिया की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट गुजरात के अहमदाबाद में क्रैश हो गई, जिसमें रूपाणी समेत अन्य यात्रियों की मौत हो गई।

विजय रूपाणी हाल ही में लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव के प्रचार से लौटे थे। उन्होंने पार्टी उम्मीदवार जीवन गुप्ता के समर्थन में जबरदस्त प्रचार किया था और 9 जून को पंजाब से गुजरात के लिए रवाना हुए थे।


रूपाणी की अंतिम राजनीतिक यात्रा: पंजाब में भाजपा का परचम लहराने की थी कोशिश

विजय रूपाणी पिछले तीन सालों से पंजाब और चंडीगढ़ भाजपा के प्रभारी थे। सितंबर 2022 में उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी और जुलाई 2024 में दोबारा पार्टी ने उन पर भरोसा जताया। उनके नेतृत्व में भाजपा ने पंजाब में संगठन को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए।

2024 के लोकसभा चुनाव में भले ही भाजपा को एक भी सीट न मिली हो, लेकिन वोट प्रतिशत में 8.93% की बढ़त दर्ज की गई। 2019 में जहां 9.63% वोट मिले थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 18.56% पहुंचा। इसे विजय रूपाणी की रणनीतिक समझ और मेहनत का नतीजा माना जा रहा था।


लुधियाना उपचुनाव को माना था 2027 विधानसभा की नींव

रूपाणी ने अप्रैल 2025 में लुधियाना में कहा था कि “वेस्ट हलके का उपचुनाव 2027 के विधानसभा चुनाव का आइना होगा।” वह इसे भाजपा के लिए एक राजनीतिक मिशन की तरह ले रहे थे। उन्होंने दावा किया था कि पार्टी उम्मीदवार जीवन गुप्ता पर कोई दाग नहीं है, जबकि विपक्षी उम्मीदवारों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।


3 महीने से उपचुनाव की रणनीति में जुटे थे

लुधियाना वेस्ट में उपचुनाव की घोषणा से पहले ही विजय रूपाणी ने तीन महीने पहले तैयारी शुरू कर दी थी। अप्रैल में उन्होंने जिला पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं और पूरी रणनीति बनाई। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा फूंकी और संगठन को बूथ स्तर तक सक्रिय किया।


एयर इंडिया हादसे ने छीन लिया एक सक्रिय नेता

रूपाणी का निधन ऐसे समय में हुआ है जब भाजपा उन्हें 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति का मुख्य आर्किटेक्ट मान रही थी। उनके जाने से पार्टी को संगठनात्मक और भावनात्मक दोनों स्तर पर बड़ा नुकसान हुआ है।

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