कैथल, 17 मई 2025 — हरियाणा सरकार ने सतत कृषि की दिशा में एक ऐतिहासिक और पर्यावरण अनुकूल पहल करते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 53 एकड़ से अधिक सरकारी कृषि भूमि पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की है। यह प्रोजेक्ट कैथल जिले के जठेरी गांव में लागू किया जाएगा और इसे राज्य में पर्यावरणीय संरक्षण व किसान सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा स्वीकृत इस योजना का उद्देश्य न केवल रसायन मुक्त खेती को प्रोत्साहन देना है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता सुधार और किसानों की आय में वृद्धि भी सुनिश्चित करना है। यह कदम हरियाणा को प्राकृतिक खेती में अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
प्राकृतिक खेती के लिए सरकारी ज़मीन का उपयोग
यह पायलट परियोजना कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के स्वामित्व वाली 53 एकड़, 4 कनाल और 19 मरला भूमि पर शुरू की जा रही है। यह भूमि पहले पट्टेदारों को लीज पर दी जाती थी, लेकिन अब इसे सिर्फ प्राकृतिक खेती के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार ने यह तय किया है कि जो मौजूदा पट्टेदार हैं, वे इस नई प्रणाली के प्रथम लाभार्थी होंगे।
किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण और सरकारी सहयोग
सरकार की योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीके अपनाने के लिए प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता दी जाएगी। इससे न केवल रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटेगी, बल्कि उत्पादन लागत भी कम होगी, जिससे किसानों की लाभप्रदता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा,
“यह पहल हरियाणा की कृषि को एक नई दिशा देगी। पर्यावरणीय संतुलन, जल संरक्षण, और किसानों की आर्थिक उन्नति हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
राज्यभर में विस्तार की योजना
अगर यह पायलट परियोजना सफल रहती है, तो पूरे राज्य में प्राकृतिक खेती को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसके माध्यम से हरियाणा को देश में प्राकृतिक खेती की राजधानी के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य है।