चंडीगढ़ – पंजाब सरकार ने ग्रामीण विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 18,900 किलोमीटर लंबी लिंक सड़कों के निर्माण का ऐलान किया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य न केवल ग्रामीण इलाकों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है, बल्कि निर्माण प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करना है।
ग्रामीण विकास विभाग के नेतृत्व में यह कार्य कई चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 828 किलोमीटर सड़कों का निर्माण शुरू किया जाएगा, और खास बात यह है कि इन सड़कों की जियो टैगिंग की जाएगी। यानी, ठेकेदारों को हर चरण की तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड करनी होंगी, जिन्हें सार्वजनिक रूप से देखा जा सकेगा।
कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने जानकारी देते हुए बताया कि 30 मई तक 13,000 ग्रामीण सड़कों के टेंडर जारी कर दिए जाएंगे, जबकि 15 जून तक सभी 18,900 किमी सड़कों के टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
मंत्री सौंद ने कहा, “पहले सड़कों के निर्माण और मरम्मत में भारी भ्रष्टाचार होता रहा है। हमारी सरकार अब इस पर पूरी तरह लगाम लगाएगी।”
अब नई व्यवस्था के तहत:
- पंचायत की नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिलने के बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाएगा।
- ठेकेदार को सड़क के निर्माण के साथ-साथ 5 साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। पहले यह अवधि केवल 1 साल की होती थी।
- यदि पंचायत या ग्रामीण जनता काम से असंतुष्ट होती है, तो वे सरकार को शिकायत भेज सकते हैं। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर ठेकेदार का टेंडर रद्द कर ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।