चंडीगढ़, 6 मई 2025 – हरियाणा सरकार ने शराब की बिक्री और लाइसेंसिंग को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सैनी सरकार की कैबिनेट बैठक में सोमवार को नई आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी दे दी गई, जिससे राज्य के शराब व्यापार में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
अब 150 मीटर दूर होंगे शराब के ठेके
नई नीति के अनुसार, शराब के ठेके अब स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थलों और बस स्टैंड्स से कम से कम 150 मीटर की दूरी पर ही खुल सकेंगे। पहले यह दूरी केवल 75 मीटर थी। इस कदम का उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों के पास शराब की पहुंच को सीमित करना और सामाजिक वातावरण को सुरक्षित बनाना है।
हाईवे के किनारे नहीं मिलेगा शराब
सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अब राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के पास सीधे तौर पर कोई भी शराब की दुकान नहीं खोली जा सकेगी। इसके साथ ही, शराब की दुकानों पर विज्ञापन और साइनबोर्ड लगाने पर भी रोक लगा दी गई है। नियम तोड़ने पर पहली बार ₹1 लाख, दूसरी बार ₹2 लाख और तीसरी बार ₹3 लाख जुर्माना लगेगा। चौथी बार उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
अहातों पर भी लगेगी लगाम
गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और पंचकूला जैसे शहरी जिलों में अहाता (बार जैसी व्यवस्था) खोलने पर भी अब अलग-अलग फीस तय की गई है। जहां गुरुग्राम में 4% अतिरिक्त फीस देनी होगी, वहीं अन्य तीन जिलों में 3% और बाकी जिलों में केवल 1% फीस निर्धारित की गई है। इसके साथ ही, अहाते के लिए अब कम से कम 1000 स्क्वेयर मीटर का एरिया जरूरी होगा।
700 गांवों में बंद होंगे 152 ठेके
नई आबादी आधारित नीति के तहत, जिन गांवों की जनसंख्या 500 से कम है, वहां अब कोई भी शराब का ठेका नहीं खुलेगा। इसके चलते राज्य के लगभग 700 गांवों में 152 ठेके बंद किए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में शराब की उपलब्धता पर रोक लगेगी और सामाजिक सुधार की दिशा में इसे एक अहम कदम माना जा रहा है।
सरकार का दावा: संतुलन और नियंत्रण की ओर एक कदम
सरकार का कहना है कि यह नीति राजस्व वृद्धि और सामाजिक नियंत्रण के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। जहां एक ओर शराब की दुकानों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया (2400 दुकानें, 1200 जोन), वहीं दूसरी ओर उनके संचालन के नियम सख्त कर दिए गए हैं।