चंडीगढ़ (26 मार्च): हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आगामी रबी विपणन सीजन 2025-26 के लिए गेहूं और अन्य फसलों की खरीद की तैयारी के बारे में महत्वपूर्ण निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी चार एजेंसियों को पूरी तैयारियों के साथ फसल खरीद की प्रक्रिया समय पर सुनिश्चित करने का आदेश दिया और साथ ही किसानों को मंडियों में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बंपर गेहूं उत्पादन का अनुमान: सीएम सैनी की बैठक में यह बताया गया कि इस बार गेहूं का बंपर उत्पादन होने की संभावना है। इसलिए फसल की खरीद के लिए एक मजबूत और प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है। बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग 30% गेहूं की खरीद करेगा, जबकि हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड 40%, हरियाणा राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन 20% और भारतीय खाद्य निगम 10% खरीद करेगा।
खरीद का लक्ष्य और प्रक्रिया: इस बार कुल 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही, सरसों की खरीद 15 मार्च से और मसूर की खरीद 20 मार्च से शुरू हो चुकी है, जो 1 मई तक जारी रहेगी। गेहूं, जौ और चना की खरीद 1 अप्रैल से शुरू होगी, जबकि सूरजमुखी की खरीद 1 जून से प्रारंभ होगी।
वित्तीय प्रबंध और भुगतान की प्रक्रिया: वित्त विभाग और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस सीजन के लिए 6,653.44 करोड़ रुपये की नकद ऋण सीमा को मंजूरी दी है। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को उनके भुगतान 48 से 72 घंटे के भीतर उनके खातों में किया जाए। हरियाणा देश में गेहूं उत्पादन में दूसरे स्थान पर है और केंद्रीय पूल में लगभग 25% का योगदान देता है।
खरीद केंद्र और MSP दरें: राज्य में कुल 415 मंडियों में गेहूं, 25 में जौ, 11 में चना, 7 में मसूर, 116 में सरसों और 17 में सूरजमुखी की खरीद की जाएगी। सरकार ने गेहूं के लिए 2,425 रुपये प्रति क्विंटल, जौ के लिए 1,980 रुपये, चना के लिए 5,650 रुपये, मसूर के लिए 6,700 रुपये, सरसों के लिए 5,950 रुपये और सूरजमुखी के लिए 7,280 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया है।
हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां सभी फसलों की खरीद MSP पर की जाती है, जो किसानों के लिए एक बड़ा लाभ है।
सुविधाओं के लिए सरकार की तैयारियां: मुख्यमंत्री ने मंडियों में पर्याप्त बोरी उपलब्ध कराने और किसानों की सुविधा के लिए कमीशन एजेंटों को कुर्सियों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, किसानों और मजदूरों को भोजन की समस्या न हो, इसके लिए 53 अटल किसान मजदूर कैंटीन चलाई जा रही हैं। सभी उपायुक्तों को खरीद प्रक्रिया की निगरानी के लिए टीमों का गठन करने के निर्देश भी दिए गए हैं।