कनाडा में जारी G7 शिखर सम्मेलन अचानक तनावपूर्ण मोड़ पर आ गया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने समिट को बीच में छोड़कर अमेरिका वापसी कर ली। इस घटना के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने तंज कसते हुए कहा कि ट्रंप इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम (सीजफायर) के लिए लौट रहे हैं।
हालांकि ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जवाब देते हुए मैक्रों के इस दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मैक्रों हमेशा गलत बोलते हैं। मुझे नहीं पता कि वह क्यों कह रहे हैं कि मैं युद्धविराम के लिए जा रहा हूं। मेरा मकसद सीजफायर से भी बड़ा है।” ट्रंप ने स्पष्ट नहीं किया कि वह किस बड़े मिशन के लिए अमेरिका लौटे हैं।
ईरान को चेतावनी, G7 नेताओं का इजरायल समर्थन
समिट के पहले दिन ट्रंप ने ईरान के नागरिकों को तेहरान खाली करने की चेतावनी दी, जिससे तनाव और बढ़ गया। वहीं, G7 के अन्य नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर इजरायल को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार दिया और ईरान को क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने का जिम्मेदार ठहराया।
रूस पर ट्रंप का विवादित बयान
ट्रंप ने कहा कि रूस को G8 से निकालना गलत फैसला था, क्योंकि इससे यूक्रेन युद्ध जैसी स्थिति पैदा हुई। इस बयान पर मैक्रों ने कड़ी आपत्ति जताई, कहा, “संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करने वाला शांति का दूत नहीं हो सकता।”
रहस्यमयी वापसी और राजनीतिक संकेत
ट्रंप की अचानक वापसी ने G7 समिट का माहौल बदल दिया। जबकि उन्होंने वापसी का असली कारण स्पष्ट नहीं किया, उनका यह कदम मध्य पूर्व और वैश्विक राजनीति में नए सियासी संकेत दे रहा है।