चंडीगढ़, 26 मई – हरियाणा में अब खारा पानी किसानों के लिए अभिशाप नहीं, बल्कि कमाई का बड़ा जरिया बन सकता है। यह कहना है हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण और मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा का। उन्होंने कहा कि खारे पानी में झींगा मछली पालन को बढ़ावा देकर किसानों को नई राह दिखाई जा सकती है।
मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री राणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे खारे पानी का सही इस्तेमाल कर इसे वरदान में बदलने की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में खेती संभव नहीं है, वहां झींगा पालन एक लाभदायक विकल्प बन सकता है।
मंत्री राणा ने बताया कि राज्य सरकार मत्स्य बीज से लेकर बिक्री तक पर सब्सिडी दे रही है ताकि मछली पालन को बढ़ावा मिले। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वार्षिक बजट का एक्शन प्लान तैयार करें ताकि मछुआरों को समय पर सहायता मिल सके और प्रोजेक्ट समय पर पूरे हों।
बैठक में आयुक्त अमनीत पी. कुमार, निदेशक श्रीपाल राठी और उप निदेशक संदीप कुमार बेनीवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मंत्री राणा ने निर्देश दिया कि जलभराव या सेमग्रस्त क्षेत्रों में तालाब बनाकर ट्यूबवेल से खारा पानी निकाल कर भरा जाए, जिससे जमीन सेममुक्त होगी और मछली पालन से आमदनी का नया स्रोत मिलेगा।
उन्होंने “प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना”, “गहन मत्स्य विकास कार्यक्रम”, और “राष्ट्रीय मत्स्य बीज कार्यक्रम” जैसे प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और SC/ST और महिलाओं को 60% तक सब्सिडी दिए जाने की जानकारी दी।
साथ ही, भिवानी के गांव गरवा में एक्वापार्क केंद्र की स्थापना कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए।
अंत में, मंत्री राणा ने कहा कि मत्स्य, पशुपालन और आधुनिक कृषि के जरिए किसानों की आमदनी दोगुनी करने का सपना साकार किया जा सकता है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल है।