बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर अपने विवादास्पद बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में अपनी कथा के दौरान उन्होंने एक विशेष समुदाय पर निशाना साधते हुए ऐसा बयान दिया, जिसने राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में बहस छेड़ दी है।
धीरेंद्र शास्त्री ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा,
“हम वो हिन्दू हैं, जो गोली खा लेते हैं लेकिन कलमा नहीं पढ़ते। सिर कटा लेते हैं लेकिन वतन को मिटने नहीं देते। हम वो हिन्दुस्तानी हैं, जो तन वार कर देते हैं, पर वतन पर आंच नहीं आने देते… और तुम 10 रुपये के धंधे के पीछे नाम बदलकर होटल चलाते हो।”
बयान का संदर्भ पहलगाम आतंकी हमले से जोड़ा जा रहा है, हालांकि शास्त्री ने सीधे तौर पर किसी घटना का नाम नहीं लिया।
पहले भी दे चुके हैं ऐसे बयान
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यह पहला विवादित बयान नहीं है। इससे पहले महाकुंभ के दौरान उन्होंने कहा था:
“हम तुम्हारी मस्जिद में नहीं आएंगे, तुम हमारे मंदिरों में मत आओ।”
एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने कहा था:
“जिस दिन मुसलमान 50% हो गए, हर मंदिर में मस्जिद बन जाएगी।”
मेरठ में कथा के दौरान भी उन्होंने तीखे तेवर अपनाते हुए कहा था:
“मुसलमानों ने देश की आजादी में योगदान दिया है, लेकिन अब कायदे में रहेंगे तो फायदे में रहेंगे।”
यहां तक कि उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था:
“कल जब मकान जलाए जाएंगे, बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जाएगी, तब हमारी याद आएगी।”