नई दिल्ली, 17 मई 2025 – भारत सरकार द्वारा गठित सात सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता शशि थरूर का नाम शामिल किए जाने पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए स्पष्ट किया कि थरूर का नाम उनकी तरफ से प्रस्तावित नहीं किया गया था।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “हमने सरकार को जिन चार सांसदों के नाम दिए थे, उनमें शशि थरूर शामिल नहीं थे। सरकार ने बिना परामर्श के यह नाम सूची में जोड़ा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे पर राजनीतिक सहमति की आड़ में एकतरफा फैसले ले रही है।
कांग्रेस की ओर से सुझाए गए नाम:
1. आनंद शर्मा
2. गौरव गोगोई
3. डॉ. सैयद नसीर हुसैन
4. राजा बरार
केंद्र का पक्ष:
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भारत की छवि और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में यह प्रतिनिधिमंडल गठित किया गया है। जब देश एकजुट हो, तो राजनीतिक भिन्नताओं को किनारे रखकर हम सभी को एकजुट संदेश देना चाहिए।”
थरूर ने स्वीकार किया प्रस्ताव:
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने खुद को मिले निमंत्रण को स्वीकार करते हुए कहा, “जब देशहित की बात हो और मेरी सेवाओं की जरूरत हो, तो मैं कभी पीछे नहीं हटता।” उनकी इस स्वीकृति को कांग्रेस नेतृत्व के रुख के विपरीत माना जा रहा है, जिससे पार्टी के भीतर भी असमंजस की स्थिति है।
प्रतिनिधिमंडल का मिशन:
यह डेलिगेशन ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक संघर्ष के संदर्भ में भारत की नीति और आतंकवाद के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ का संदेश वैश्विक समुदाय तक पहुंचाएगा। यह टीम अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, जापान और दक्षिण अफ्रीका की राजधानियों का दौरा करेगी।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि:
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओजेके के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी ढेर हुए।