नई दिल्ली | 17 मई 2025 : दिल्ली की हवा एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण — GRAP-1 — को दिल्ली-NCR में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
यह कदम राजधानी की बिगड़ती वायु गुणवत्ता और नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ते गंभीर प्रभाव को देखते हुए उठाया गया है। वर्तमान में कई क्षेत्रों में AQI 200 के पार पहुंच चुका है, जो कि “खराब” श्रेणी में आता है।
GRAP-1 के तहत ये पाबंदियां लागू:
1️⃣ लैंडफिल साइटों पर आगजनी पर पूरी तरह रोक
लैंडफिल साइटों पर लगाई जा रही आग अब सख्त निगरानी में होगी। डंपिंग साइटों से समय-समय पर कचरा और मलबा हटाया जाएगा।
2️⃣ निर्माण और मरम्मत कार्यों पर सख्ती
सभी निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन का उपयोग अनिवार्य होगा। साथ ही, सड़कों की मरम्मत व चौड़ीकरण के दौरान पानी का छिड़काव किया जाएगा।
3️⃣ कचरे का प्रबंधन होगा बेहतर
अब खुले में कचरा फेंकना नहीं चलेगा। नगर निगम और संबंधित एजेंसियां कचरा उठाने की नियमित व्यवस्था करेंगी।
4️⃣ वाहनों पर नियंत्रण, ट्रैफिक डायवर्जन लागू
पुराने व प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ट्रकों के लिए ट्रैफिक डायवर्जन लागू होगा।
5️⃣ पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा
सरकार नागरिकों से अपील कर रही है कि वे निजी वाहनों की बजाय मेट्रो, बस आदि सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
GRAP क्या है?
GRAP (Graded Response Action Plan) एक ऐसा रोडमैप है, जो हवा की गुणवत्ता के हिसाब से विभिन्न स्तरों पर कदम उठाता है। इसमें चार चरण होते हैं — GRAP-1 से लेकर GRAP-4 तक, जो AQI के स्तर के अनुसार लागू किए जाते हैं। GRAP-1 “खराब” स्तर (AQI 201-300) के लिए है, जबकि GRAP-4 “गंभीर प्लस” स्थिति के लिए।
GRAP-1 का उद्देश्य
GRAP-1 का मकसद वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना, हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना और नागरिकों को बीमारियों से बचाना है। यह योजना विशेष रूप से दिल्ली-NCR जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में प्रदूषण के खिलाफ एक तत्काल एक्शन प्लान की तरह काम करती है।
नागरिकों से अपील
सरकार और पर्यावरण एजेंसियों ने आम जनता से अपील की है कि वे इस योजना में सहयोग करें। निजी वाहन कम उपयोग करें, खुले में कचरा न फेंकें, और निर्माण कार्यों में दिशा-निर्देशों का पालन करें।