Monday , 19 May 2025
वृंदावन में विराट और अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज से लिया आशीर्वाद

वृंदावन में विराट और अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज से लिया आशीर्वाद, आंखों में पानी और जुबां पर राधे-राधे

वृंदावन,14 मई 2025 – भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और उनकी पत्नी, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने हाल ही में वृंदावन स्थित राधाकेलीकुंज आश्रम में संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। यह मुलाकात तब हुई, जब विराट ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की और अपने नए अध्याय की शुरुआत की। विराट और अनुष्का की यह यात्रा न केवल धार्मिक थी, बल्कि उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ को भी दर्शाती है।


मुलाकात का खास पल: आंखों में पानी, जुबां पर राधे-राधे

मुलाकात के दौरान, संत प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का को अपने आशीर्वाद से नवाजा। दोनों की आंखों में आंसू थे और जुबां पर राधे-राधे था। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें प्रेमानंद महाराज पहले विराट और अनुष्का को बैठने के लिए कहते हैं और फिर उनसे पूछते हैं, “प्रसन्न तो हो?” इस पर विराट और अनुष्का सिर हिलाकर जवाब देते हैं, “हां।” इसके बाद प्रेमानंद जी मुस्कराते हुए कहते हैं, “हां, ठीक ही रहना चाहिए।”


प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद: जीवन का गूढ़ संदेश

प्रेमानंद महाराज ने इस दौरान विराट और अनुष्का को भगवान की कृपा और जीवन के सही चिंतन के बारे में महत्वपूर्ण उपदेश दिया। उन्होंने कहा, “जब प्रभु किसी पर कृपा करते हैं, तो वैभव मिलना पुण्य होता है, भगवान की कृपा से कुछ नहीं होता। पुण्य से एक पापी भी शक्तिशाली हो सकता है, और वह अपनी पूर्व की गलतियों का परिणाम भुगतता है।”

महाराज ने बताया कि बाहरी यश और वैभव भगवान की कृपा नहीं माने जाते। उनका कहना था कि भगवान की कृपा के असली फल तब मिलते हैं जब इंसान अंदर से शुद्ध हो और उसका चिंतन सही दिशा में हो। “इंसान को अपने भीतर के चिंतन पर ध्यान देना चाहिए, ना कि बाहरी दिखावे पर। संतों की कृपा से ही अंदर का मार्ग मिलता है, जो शांति और वैराग्य की ओर ले जाता है,” उन्होंने कहा।


विराट और अनुष्का के लिए विशेष मार्गदर्शन

प्रेमानंद महाराज ने विराट और अनुष्का को जीवन में सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “आप अपने जीवन में सांसारिक बने रह सकते हैं, लेकिन अंदर का चिंतन ऐसा होना चाहिए कि आपका उद्देश्य केवल भगवान की प्राप्ति हो। अगर ऐसा होगा तो जीवन में सुख और शांति दोनों मिलेंगे।” इसके बाद, महाराज ने उन्हें भगवान का नाम लेने की सलाह दी और कहा, “सच्चे दिल से भगवान का नाम जपिए और जीवन को आनंदित बनाइए।”

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