चंडीगढ़, 10 मई 2025 : हरियाणा सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है। अब प्रदेश के किसान अगर ढेंचा (हरित खाद) की खेती करते हैं, तो उन्हें सरकार की ओर से प्रति एकड़ ₹1000 की सीधी आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
पर्यावरण संरक्षण के साथ कम लागत में अधिक लाभ
प्रदेश के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि यह योजना किसानों की आय बढ़ाने, रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए शुरू की गई है। ढेंचा एक प्राकृतिक हरित खाद है, जिसे खेत में जोतकर जैविक उर्वरक तैयार किया जाता है। यह न केवल नाइट्रोजन की आपूर्ति करता है बल्कि मिट्टी की संरचना और जलधारण क्षमता को भी बेहतर बनाता है।
फसल विविधिकरण की दिशा में 4 लाख एकड़ का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य राज्य के 22 जिलों में 4 लाख एकड़ भूमि पर फसल विविधिकरण को बढ़ावा देना है। इसमें ढेंचा को प्रमुख स्थान दिया गया है। इस योजना से करीब 3 लाख किसानों को सीधा लाभ मिलने की संभावना है।
‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर जरूरी है फोटो अपलोड
कृषि मंत्री ने साफ कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपनी ढेंचा फसल की फोटो ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। बिना अपलोड किए लाभ नहीं मिलेगा। इससे योजना में पारदर्शिता बनी रहेगी और डिजिटल इंडिया मिशन को भी बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किसानों की नई उम्मीद
यह योजना मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के किसान-हितैषी विज़न को जमीन पर उतारने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। योजना का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, टिकाऊ खेती और जैविक खेती को बढ़ावा देना भी है।